श्रीमद देवी भागवत महापुराण आयु, आरोग्य, पुष्टि, सिद्धि एवं आनंद कथा मोक्ष प्रदान करने वाला दिव्य ग्रंथ है। देवी भागवत एक अत्यंत गोपनीय पुराण है, जिसका वर्णन सर्वप्रथम भगवान शिव ने महात्मा नारद के लिए किया, पूर्वकाल में उसे फिर स्वयं भगवान व्यास ने भक्तिनिष्ठ महर्षि जैमिनि के लिए श्रद्धापूर्वक कहा और फिर उसी को वर्तमान में प्रेषित किया जाता है। इसके श्रवण करने तथा पाठ करने में समस्त प्राणियों को पुण्य प्राप्त होता है। उक्ताशय के उद्गार व्यासपीठ से आचार्य कृष्ण किंकर महाराज ने व्यक्त किए।
मानस भवन में चल रही देवी भागवत कथा में महाराज जी ने कहा कि सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, जिसके साक्षात हम प्रमाण हैं, वे एकमात्र भगवती ही हैं। जो इस समग्र जगत को धारण करती हैं तथा योगीजन जिनका चिंतन करते हैं और जिनसे यह विश्व प्रकाशित है, वे एकमात्र भगवती दुर्गा ही इस जगत में व्याप्त हैं।
Data safety
Safety starts with understanding how developers
collect and share your data. Data privacy and security practices may vary based
on your use, region, and age. The developer provided this information and may
update it over time.